अनुग्रह के युग में, प्रभु यीशु ने अपने अनुयायियों से वादा किया, "और यदि मैं जाकर तुम्हारे लिए जगह तैयार करूँ, तो फिर आकर तुम्हें अपने यहाँ ले जाऊंगा कि जहाँ मैं रहूँ वहाँ तुम भी रहो" (यूहन्ना 14:3)। उन्होंने यह भविष्यवाणी भी की, "क्योंकि जैसे बिजली पूर्व से निकलकर पश्चिम तक चमकती है, वैसे ही मनुष्य के पुत्र का भी आना होगा" (मत्ती 24:27)। अंतिम दिनों में, जैसे कि उन्होंने स्वयं प्रतिज्ञा की और पहले से ही कह दिया, परमेश्वर ने वचन का उपयोग कर के, प्रभु यीशु के मोचन कार्य की नींव पर न्याय, ताड़ना, विजय और उद्धार का कार्य करने के लिए पुनः देह धारण किया है और दुनिया के पूर्व में—चीन—में अवतीर्ण हुआ है। बाइबिल की इन भविष्यवाणियों में "न्याय परमेश्वर के घर से शुरू होता है" "वह जिसके कान हो, सुन ले कि आत्मा ने कलीसियाओं से क्या कहा।" भी पूरा हो गया है। अंतिम दिनों केपरमेश्वर के काम ने अनुग्रह का युग समाप्त कर दिया और राज्य का युग आरंभ किया। जैसे—जैसे सर्वशक्तिमान परमेश्वर के राज्य का सुसमाचार मुख्यभूमि चीन में तेजी से फैला, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया अस्तित्व में आयी। जैसा कि तथ्यों से सिद्ध हुआ है, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया पूरी तरह से परमेश्वर के अंतिम दिनों के काम के परिणामस्वरूप अस्तित्व में आयी, और किसी व्यक्ति द्वारा स्थापित नहीं की गई थी। यही कारण है कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया में चुने हुए लोग सर्वशक्तिमान परमेश्वर के नाम से प्रार्थना करते हैं, उसके काम के अनुसार चलते हैं, और उसके द्वारा व्यक्त किए गए सभी सत्यों को स्वीकार करते हैं। इस प्रकार यह स्पष्ट है कि ये चुने हुए लोग किसी मनुष्य में विश्वास करने के बजाय, मसीह में विश्वास करते हैं जो अंतिम दिनों में देहधारी हुआ है, शरीर में साकार हुई आत्मा व्यावहारिक परमेश्वर है। बाह्य रूप से, सर्वशक्तिमान परमेश्वर मनुष्य के एक साधारण पुत्र से अधिक कुछ नहीं है, किंतु सार रूप में वह परमेश्वर की आत्मा का मूर्तरूप है और सत्य, मार्ग और जीवन है। उसका काम और वचन परमेश्वर की आत्मा की प्रत्यक्ष अभिव्यक्ति हैं और परमेश्वर की व्यक्तिगत रूप से उपस्थिति हैं। इसलिए, वह व्यावहारिक परमेश्वर है जो देहधारी हुआ है।